उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को जुमे नमाज के बाद कानपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी. इस दौरान दो समुदाय के लोगों के बीच पथराव देखने को मिला. हालात को देखते हुए हिंसाग्रस्त इलाकों में स्थिति को काबू में करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया. वहीं मामले में पुलिस ने अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी की है. खास बात ये है कि हिंसा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में मौजूद थे.
दरअसल कानपुर के परेड चौराहे पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विरोध में दुकानों को बंद करवाना चाह रहे थे. इसके विरोध में विवाद पैदा हो गया और इस दौरान सड़क पर काफी संख्या में लोग जमा हो गए. इसे काबू में करने के लिए कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची. पुलिस कमिश्नर का कहना है कि अब हालात सामान्य हैं.
सीएम योगी ने व्यक्त की नाराजगी
प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कड़े फैसले लेने वाले राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. सीएम योगी के आदेश के बाद अब पुलिस विभाग आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट, उनकी संपत्ती जब्त और उसे ध्वस्त करने की तैयारी में लग गया है. सीएम योगी प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार की भी चूक बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं. वह बीते समय में यह बात कहते रहे हैं कि साल 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद से अभी तक राज्य में एक भी दंगे नहीं हुए हैं. वहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हिंसा होना प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है. आइए हम आपको बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद राज्य में कितनी बार हिंसा हुई है.
योगी के राज में हिंसा!
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के सीएम पद पर काबिज होने के बाद प्रदेश में हिंसा के मामलों में कमी आई है. लेकिन भले ही सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में कमी आई हैं, साल दर साल राज्य में हिंसा के मामले दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया है कि सीएम योगी के राज में साल 2017 में 8900, 2018 में 8908, साल 2019 में 5714 और 2020 में 6126 सांप्रदायिक हिंसा के मामले रिपोर्ट किए गए हैं.
मुजफ्फरनगर हिंसा की याद दिलाते रहे हैं सीएम योगी
बता दें कि सीएम योगी अक्सर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सपा सरकार के दौरान साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों की अक्सर याद दिलाते रहते हैं. इस दौरान एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का मामला इतना बढ़ गया था कि देखते ही देखते भड़की हिंसा में 60 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और 90 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. कई हजार लोगों को पलायन तक करना पड़ा था.